"श्री पटाखा जी की छोटी छोटी कविताएँ फुलझडी नुमा होती हैं. यह बहुरंगी कविताएँ अपने शिल्प-विन्यास और कथ्य के विस्तार में अदभुत हैं l-----
"ओशो ने कहा था - हास्य प्रार्थना है l"
कवी प्रेम किशोर पटाखा हर पल इसी कोशिश में लग रहते हैं और आज भी हैं की रोते हुए मुस्कुरा सकें
केले का छिलका एक बेहतरीन पुस्तक है l
कवी प्रेम किशोर पटाखा हर पल इसी कोशिश में लग रहते हैं और आज भी हैं की रोते हुए मुस्कुरा सकें
केले का छिलका एक बेहतरीन पुस्तक है l
(लोकप्रिय गीतकार)
"किसी व्यक्ति की मन:स्थिती को कुछ ही पलों में परिवर्तित कर देना पटाखा जी के लिए चुटकियों का काम है
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जवाब देंहटाएंjais chauhan6 अक्तूबर 2013 3:13 am
15 सितम्बर 2013 (दिन रविवार) को राजकुमार भारद्वाज और सतीशचन्द्र शर्मा के साथ "पटाखा जी" से उनके आवास पर भेंट की. बड़ा अच्छा लगा.पटाखा जी के बारे में सन 1999 से ही सुन रखा था.उन पर मैने Wikipedia भी बनाया .