रविवार, 25 मई 2014

नमो नमो का नया उजाला देवनागरी अक्षर माला

नमो नमो का नया उजाला 
देवनागरी अक्षर माला
सहर्ष आपको हम पहनाते 
हिंदी का सम्मान बढ़ाते l

हिंदी की बिंदी मस्तक पर 
धन्य हो गए अक्षर-अक्षर l

'क' से कमल खिला दलदल में 
'ख' से खलल मची हर दल में 
'ग' से गरिमा है भारत की 
'घ' से घड़ी यही स्वागत की 
'ड़' वर्ण बजी रण भेरी
'च' से चाल चुनावी घेरी 
'छ' से छाये बड़े खिलाड़ी 
'ज' से जंग करें तैयारी 
'झ' से झंडी इसी के झंडे 
'त्र'से शुरू हुए हथकंडे 
'ट' से टंगे चुनावी बैनर 
'ठ' से ठोकें ताल धुरन्धर
'ड'से डगमग-डगमग डोलें 
'ढ' से ढपली सबकी बोले 
'ण' वर्ण रण बड़ा चुनावी
'त' देता  तत्काल जवाबी
'थ' से थमी ना भाषण रैली 
'द' से दर-दर गंगा मैली 
'ध' से धर्म ध्वजा फहराई
'न' से नमन कृपा माँ पाई
'प' से प्रण संकल्प उठाया
'फ' से फल ईश्वर से पाया
'ब' से बाकी बचा ना कोई
'भ' से भंग प्रतिष्ठा खोई
'म' से मुलायम म से माया 
'म' मनमोहन म से मोदी
माँ' की कृपा हुई कुछ ऐसी
सबसे आगे निकले मोदी
'मुस्काकर बोले अडवाणी
हमने बात तुम्हारी मानी
कल तक थे गुजराती राजा 
आज हैं राजा हिन्दुस्तानी
म मनमोहन गए उतारे
'य' से युद्ध विरोधी हारे
'र' से रण कौशल तैयारी
'ल' से लहर सुनामी हारी
'व' से वचन सत्यव्रत धारी
'श' से शुभ हो मंगलकारी
'ष' से हर षटकोण में मोदी
'स' संसद में सुबके मोदी
'ह' से हर दिल हिन्दुस्तानी
'झलक रहा आँखों से पानी
'क्ष' से क्षण इतने व्याकुल थे
'आगे अक्षर नहीं निकलते
करे लेखनी यहीं प्रणाम 
अब लेती है यही विराम
बी.जे.पी. की शान है 
खिलता कमल निशान
उसी शान से आपने 
जीता हिन्दुस्तान
आन बान और शान से 
बनी नई पहचान
हलकी दाढ़ी में खिले 
मंद- मंद मुस्कान 
नए युग की नई चेतना 
नए युग का सन्देश 
कमल सदा खिलता रहे 
मेरा भारत देश
नमो नमो जय जय नमो
नमो नमो जय बोल
प्रेम पटाखे छूटते
बजे नगाड़े ढोल ll

रचनाकार-
प्रेम किशोर पटाखा
09897067276

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